एक ब्लौग्गर, एक पोस्ट और एक चर्चा में आज हम चर्चा कर रहे हैं पूजा उपाध्याय को.
आज की चर्चा में हमने सोचा है कि सिर्फ एक ब्लॉग, एक ब्लॉगर, और एक पोस्ट की चर्चा की जाए. आज की चर्चा में हम पोस्ट और ब्लॉग ओनर की चर्चा करेंगे. इसे हम विश्लेषणात्मक चर्चा भी कह सकते हैं. तो आज हमने चुना है सुश्री. पूजा उपाध्याय के ब्लॉग लहरें को. पूजा की ख़ास बात यह है कि इनको हम Beauty with brain मान सकते हैं. और हैं भी... इनका यह कहना यह ब्लॉग लिखना इनका कोई शगल नहीं है, बल्कि ब्लॉग लिखना इनके अंतर्मन की कथा है. पूजा ज़िन्दगी को भरपूर तरीके से जीतीं हैं, और बहुत ही सकारात्मक तरीके से जीती हैं. आपको पूजा के ब्लॉग में सब कुछ मिलेगा. कविता, संस्मरण, यादें से लेकर किस्से - कहानी भी आप पढ़ सकते हैं. पूजा का हिंदी के अलावा अंग्रेजी पर भी अच्छा कमांड है. फिलहाल पूजा बैंगलोर में रह रही हैं और पेशे से कॉपी राइटर हैं. पूजा का एक ख्वाब भी है , पूजा भविष्य में फिल्म भी बनाना चाहतीं हैं. हम सब को दुआ करनी चाहिए की पूजा का यह ख्वाब ज़रूर पूरा हो.
लेकिन सच पूछिए तो बहुत ख़ुशी हुई देख कर....कि सही मायने में चिटठा चर्चा हो रही है....यही तरीका है चिट्ठों की चर्चा करने की....एक ब्लॉगर, एक चिटठा और उसकी चर्चा...
आपका बहुत बहुत आभार.....
अब एक सवाल हमारे जेहन मे भी घूम रहा है, "पूजा हमें कभी कभार टिपियाति है.. मतलब हम भी उसी गुट से आते होंगे तभी टिपियाति है.. मगर मैं हर जगह, जहाँ कही मन होता है वहाँ टिपियाते हैं.." कन्फ्यूजन हो रहा है अपने गुट को लेकर.. जौन जौन लोग मेरे गुट मे हैं वो सामने आ जाये भला.. ;)
(यह कमेन्ट शुद्ध मजाक मे किया गया है, कृपया इसे ऐसे ही लें) :)
chitthacharcha में एक H जियादा, और सर्फ़ से बन गया, सर्फ़ एक्सेल !
जो फिलहाल तो दाग धब्बों से रहित है ।
अभी तहसीलदार साहब को दारू पिला कर सुलाया है, जगने पर उन्हें दवा भी देंगे ।
तब तक मुझे बिज़ी समझा जाये, तह-सिल-डार साहब जी के सन्निपात से निपट कर टिप्पणी भी दूँगा, निशा-ख़ातिर रहें ।
nice poem!
लगे रहे जल्द ही दुसरे चिट्ठाचर्चा के मालिक के जबान पर रहोगे जैसे शेनवार्न सपने में देखता था कि सचिन उसके गेद की धुलाई कर रहा है .
और यही हाल कभी हमारा भी था मै भी हमेशा रहता उनकी जबान पर
पंकज पंकज
ये गैरजरूरी बात लगी मुझे , जिसके बिना भी शायद चर्चा पूरी हो सकती थी ।
शुरूआत अच्छी है , मगर बेनामी /नकली प्रोफ़ाईलधारी टिप्पणियों को , वो भी इतनी सारी टिप्पणियों को सहेज कर रखे जाने का औचित्य समझ में नहीं आया । उम्मीद है कि आप कुछ नया और हटकर करेंगे । शुभकामनाएं
ye kaisa double standard hai ?
kal main aapki ye baat padh nahi paayi thi....is baat ka chitthacharcha se kya sarokaar hai...??
Pooja ji comment karein ya na karein ye unki marzi hai...aap kisi bhi vyakti ke nizi faislon ko is tarah charcha mein nahi laa sakte hain...aapki yah pahli charcha thi...aainda kahyal rahe...