इस ब्लॉग की पहली छोटी चर्चा...

आइये , आज शुरुआत करते हैं श्री. अरविन्द मिश्र जी की पोस्ट से जिसमें आप किताबें ,रूपसियाँ ,प्रेमिका , प्रेयसी    पर चिंतन व्यक्त कर रहे हैं. सबसे निवेदन है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़ें.... सच कह रहे हैं... बहुत ही हल्का फुल्का विनोद है इसमें. अब यह मत पूछियेगा कि यह विनोद कौन हैं?




आज चिट्ठाचर्चा में श्री. अनूप शुक्ल जी बहुते अच्चा चर्चा किये हैं... यहाँ वहां से टहल कर चुनिन्दा पोस्ट इकठ्ठा किये हैं. देखिएगा ज़रूर. 




मुनीश जी के दारु के अड्डे पर देखिये माइकल जैक्सन को.... मस्त हो जाईयेगा.... सहिये कह रहे हैं. 






 यह यह लीजिये आज सलीम खान के पोस्ट की चर्चा... उ भी का याद करेगा.

विवेक विश्वास बता रहे हैं, सेक्स वर्कर के बारे में.... पढियेगा जरूर , आपे लोग.

25 Response to "इस ब्लॉग की पहली छोटी चर्चा..."

  1. Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji 20 अप्रैल 2010 को 8:00 am बजे
    यह एक नवीन चिट्ठा-चर्चा प्रारंभ हुआ है. बहुत अच्छे. :)
  2. Arvind Mishra 20 अप्रैल 2010 को 9:01 am बजे
    तुमुल घोष से स्वागत !
  3. Amrendra Nath Tripathi 20 अप्रैल 2010 को 10:26 am बजे
    आपका नाम बहुत पहले से सुन रखा है ..
    काम अब दिखने ही लगा है ..
    उम्मीद है कि सार्थक-निर्मिति में आप अपनी भूमिका
    को निभाते रहेंगे ..
    ई गुरु राजीव जी , आभार !!!
  4. Akshitaa (Pakhi) 20 अप्रैल 2010 को 10:33 am बजे
    आपका ब्लॉग तो नया-नया है..अच्छा लगा यहाँ आना.

    ______________
    'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करना न भूलें !!
  5. Akanksha Yadav 20 अप्रैल 2010 को 10:34 am बजे
    बेहतरीन शुरुआत..शुभकामनायें !!
  6. KK Yadav 20 अप्रैल 2010 को 10:35 am बजे
    शुभ संकेत..सुन्दर चर्चा...नेक प्रयास...साधुवाद.
  7. संगीता पुरी 20 अप्रैल 2010 को 10:37 am बजे
    बढिया प्रयास .. शुभकामनाएं !!
  8. बेनामी 20 अप्रैल 2010 को 10:37 am बजे
    स्वागत है आपके इस लाजवाब प्रयास का.
  9. बेनामी 20 अप्रैल 2010 को 10:38 am बजे
    'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे.जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं,वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों. hindi.literature@yahoo.com
  10. विवेक रस्तोगी 20 अप्रैल 2010 को 5:29 pm बजे
    बधाई नई शुरुआत की, नई चिट्ठा चर्चा की ।
  11. Randhir Singh Suman 20 अप्रैल 2010 को 6:12 pm बजे
    इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
  12. सहज समाधि आश्रम 20 अप्रैल 2010 को 7:21 pm बजे
    विभिन्न विषयों पर विष्लेश्ण का ये एक
    अच्छा मंच हो सकता है जो ब्लागर
    अध्यात्म में रुचि रखते हों उनका मेरे
    ब्लाग पर आलोचना समालोचना सुझाव
    जिग्यासा आदि बिंदुओं पर दिल से स्वागत
    है . मेरे ब्लाग सिर्फ़ और सिर्फ़ अध्यात्म
    विषयों पर है और ये किसी के लिये पराया नहीं
    है क्योंकि राम से ही शरीर है अन्यथा इसको
    मिट्टी या लाश या मृतक कहा जाता है और
    राम तो घट घट में विराजमान है .
  13. अविनाश वाचस्पति 20 अप्रैल 2010 को 7:40 pm बजे
    बाकी सब ठीक है

    पर चिट्ठाचर्चा ठीक नहीं

    पोस्‍टचर्चा कीजिए
    या फिर चर्चा इसमें

    चिट्ठों की ही कीजिए।
  14. प्रवीण 20 अप्रैल 2010 को 8:09 pm बजे
    .
    .
    .
    क्या उम्मीद रखी जाये आप से ?

    http://chitthacharcha.blogspot.com में एक हिज्जा बदल कर http://chiththacharcha.blogspot.com ले कर आये हैं आप !

    मेरे मित्र, क्या एक नया नाम तक सोच पाने की काबिलियत भी नहीं है आपकी... या बॉलीवुड के डुप्लीकेटों की तरह ही ब्लॉगवुड में भी नया चलन लाना चाह रहे हैं आप ?

    आदरणीय अविनाश वाचस्पति जी को छोड़कर कोई असहमति तक नहीं जता रहा यहाँ... ऐसा क्यों... क्या सच कहने की क्षमता खो चुके हैं हम सब... या 'चर्चा' में शामिल होने का लालच दिमाग में ताले लगा दे रहा है ?

    आभार!
  15. Amrendra Nath Tripathi 20 अप्रैल 2010 को 11:40 pm बजे
    @ प्रवीण शाह ,
    ......... @ ... ऐसा क्यों... क्या सच कहने की क्षमता खो चुके हैं हम सब... या 'चर्चा' में शामिल होने का
    लालच दिमाग में ताले लगा दे रहा है ?
    ----------- मान रहा हूँ आपकी बात को .. एक नयापन होना चाहिए , जब उसी नाम का एक ब्लॉग है , पर इस
    सूक्ष्मता पर मेरा ध्यान नहीं गया था ... इसका मतलब यह नहीं कि मुझे कोई चर्चा - लोभ है .. यहाँ और भी ऐसे
    लोग होंगे जो चर्चा लोभ से ही नहीं आये हैं .. आपको इतने अधिक पूर्वाग्रह से नहीं देखना चाहिए सबको .. आगे
    आपकी मर्जी ..
    फिलहाल आपसे सहमत हूँ कि ''डुप्लीकेट'' जैसा प्रयास न ध्वनित हो वही अच्छा .. ई गुरु राजीव जी से ऐसा निवेदन
    भी है .. आभार !!!
  16. राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर 21 अप्रैल 2010 को 12:04 am बजे
    किसी भी नए ब्लॉग का स्वागत होना चाहिए पर स्वागत के इस क्रम में एक बात खटकती है कि क्या हमारे पास विषयों का आभाव हो गया है कि हम वही सब दोहरा रहे हैं जो सभी कर रहे हैं?
    आपने यदि चर्चा को नया आयाम दिया होता तो बहुत अच्छा लगता. आपका प्रयास आगे तक जाकर कुछ सार्थकता प्रदान करे तो बेहतर होगा अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि कुछ भी करने के चक्कर में सब गुड गोबर हो जाए.
    फिर भी बधाई, आप आगे कुछ नया सोचें और उसे हम सबके बीच लायें.
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
  17. Himanshu Pandey 21 अप्रैल 2010 को 5:26 am बजे
    चर्चा-मंचों की भीड़ न बनने लग जाय !
    एक नए मंच की शुभकामनाएं !
  18. बेनामी 21 अप्रैल 2010 को 5:36 am बजे
    हा हा हा
  19. ब्लॉ.ललित शर्मा 21 अप्रैल 2010 को 6:07 am बजे
    एक और नई चर्चा!
    स्वागत है।
    जय हो।
  20. Jyotsna 21 अप्रैल 2010 को 6:54 am बजे
    एक और चर्चा!
    और वह भी घटिया.
    क्यों न सारे ब्लौगर अपना अपना चिठाचर्चा बलौग बना लें. ओह भूल गई थी कि झाजी कहते हैं कि किसी नानब्लौगर को न तो बलौग पढना चाहिये न कमेंट करना चाहिए.
    अब आप भी अहने गुट को ठेलना शुरू कर दें.
  21. स्वप्न मञ्जूषा 21 अप्रैल 2010 को 12:42 pm बजे
    चिट्ठाचर्चा के नाम से ही आपने यह चर्चा शुरू की ...कारण क्या होगा ये तो आप बेहतर जानते हैं...
    लेकिन सच पूछिए तो बहुत ख़ुशी हुई देख कर....कि सही मायने में चिटठा चर्चा हो रही है....यही तरीका है चिट्ठों की चर्चा करने की....एक ब्लॉगर, एक चिटठा और उसकी चर्चा...
    आपका बहुत बहुत आभार.....